NEELAM GUPTA

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नादान इश्क।

नादान इश्क

पल पल बहती जिंदगी।
एक ठहराव ढुढँती है।
अक्स से तेरे प्यार का।
इज़्हारे मुहब्बत ढूंढ़ती है।

तन्हाई में खुद को ।
कितना समझाते हैं ।
ये इश्क़ है नाम नादानी का।
हकीकत से रूबरू हो जाते हैं।

जानते है बिख़र रहा हैं।
तेरा इश्क़ मेरे अल्फाज़ में।
तरन्नुम बन गया है।
जिंद़गी की किताब में।

तु कोई जबाब ना दे।
तो कोई बात नहीं।
बस सुन लेना नग़मा।
धड़कनो के साज़ का।

इतना ही क़ाफिर है।
कातिल हुए अरमानो का।
एक हुक भी बन जाए।
प्रेम की मुक वेदना का।

तड़प है दोनों तरफ़।
बस आवाज़ चुप है।
मेरा हदय विदारक।
सत्य का परिचायक है।

जब ये अरमान घुमड़ते है।
बादल बन बरसने को।
बिजली गुल हो जाती है।
दिल की धड़कनो की।

धाराशयी हुई चेतना।
शून्य मन का पथिक हुआ।
धड़कने तो चल रही।
निर्मम दिल पाषाण हुआ।

कर गुज़रते दौर में।
हम समर्पित हो गये।
रजिशों से थे अन्जान।
षड्यंत्रों का शिकार हो गये।

नहीं कोई दुआ, दवा फलती है।
निष्ठुर जमाना हो गया ।
कर्मो के लेखा जोखा में।
परीक्षा में नाकाम हो गया।

कड़वी सच्चाई या तकलीम़ ए उल्फ़त।
जिगर में नहीं बसता है।
एक तीर तेरी नज़र का ।
दिल में धाव कर उतरता है। 

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4 Comments

Aliya khan

06-Aug-2021 07:57 AM

Behtareen

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Niraj Pandey

06-Aug-2021 07:34 AM

वाह👌

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Zakirhusain Abbas Chougule

06-Aug-2021 12:43 AM

Bahut khoob

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